कौआ और शार्प
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एक समय आया कौआ ने चार अंडे दिये और हर दम उसे रखावली करते रहते थे एक कौआ आता तो दूसरा जाता इसी तरह एक दिन एक कौआ भोजन की तलाश में बहुत दूर चला गया दूसरा कौआ को भी प्यास लग गया कुछ ही दुरी पर एक तलब था कौआ पानी पीने चला गया।
सांप हमेशा यही ताक झाँक में रहता था की कब घोंसला खाली मिले की अंडे खां सकू मौका देख सांप पेड़ पर चढ़ कर अंडे खाने लगा आखरी अंडा खां ही रहा था की पानी पीने गये मादा कौआ ने सांप को देख लिया।
सांप शक्तिशाली था कौआ तभी उसे कुछ ना बिगार पाया अब मादा कौआ बिना बच्चे के उदास रहने लगें उस सांप से बदला लेने का उपाय करने लगें।
उसने जंगल में सबसे चतुर जानवर सियार के पास गया और सारी दुःख भारी कहानी उसे कहा। सियार बोला हमसे नहीं बदला लिया जायगा तुम्हें किसी और से मदद लेनी चाहिए।
कौआ एक दिन उड़ते हुए नगर के ऊपर से जा रहा था उसने एक तलाब में बहुत सारे औरत को नहाते देखा उस में एक राजा के रानी भी था उसने अपना मंगलसूत्र किनारे पर ही रख दिया है और बहुत से सैनिक पहरा दे रहे है।
कौआ ने उस मंगलसूत्र को लेकर उस गया। वहां पर रखवाली कर रहे सैनिक ने कौआ के पीछे पर गया। कौआ ने उस हार को जंगल ले आया और उस सांप के बिल में गिरा दिया तबतक सैनिक भी आ गया।
सैनिक ने बिल को कोड़ी उस में से सांप को मार कर मंगलसूत्र निकाल लिया।
शिक्षा - बुद्धिमानी से हर काम किया जा सकता है।
1 टिप्पणियाँ
Amazing story
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